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लोकसभा चुनाव से पहले राहुल और योगी की परीक्षा
कहते हैं दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है , इसका कारण है राज्य में मौजूद सर्वाधिक 80 लोकसभा सीटें |
देश में इसी साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में आम चुनाव हो सकते हैं ऐसे में देश के सबसे बड़े राजनीतिक उठापटक का दौर तेज हो गया है |
उत्तर प्रदेश में 11 मार्च को एक तरफ जहां गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा का उप चुनाव प्रस्तावित है तो वहीं दूसरी तरफ राज्य की दस राज्यसभा सीटों पर भी अप्रैल -मई में चुनाव होने हैं |
उत्तर प्रदेश में 11 मार्च को एक तरफ जहां गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा का उप चुनाव प्रस्तावित है तो वहीं दूसरी तरफ राज्य की दस राज्यसभा सीटों पर भी अप्रैल -मई में चुनाव होने हैं |
वैसे तो ये चुनाव भाजपा , कांग्रेस , सपा और बसपा सभी के लिए ही बेहद महत्वपूर्ण है लेकिन उत्तर प्रदेश के ये चुनाव अगर सबसे ज्यादा किसी के लिए अहम है तो वो हैं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ |
कांग्रेस अध्यक्ष के सामने क्या है चुनौतियां ?
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अपनी हार से सबक लेते हुए कांग्रेस आगामी उपचुनाव में सपा-बसपा को फिर एक साथ लाने की कोशिश में जुट गई है कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अगर सपा बसपा को कांग्रेस के साथ लाने में सफल होते हैं तो ये राहुल गांधी के नेतृत्व के लिए एक बड़ी जीत मानी जाएगी , ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अगर यह महागठबंधन संभव हो पाया तो ना सिर्फ लोकसभा उपचुनाव में भाजपा के लिए मुश्किलें पैदा हो जायेंगी बल्कि राज्यसभा में भी भाजपा को 10 में से सिर्फ 8 सीटों पर संतोष करना पड़ेगा |
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