लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका !
Hindibaazi |
लोकसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे वैसे राजनीतिक धुरंधर नए नए समीकरण साधने में लग गए हैं | कहते हैं राजनीति में कोई पक्का दुश्मन या दोस्त नहीं होता सब मौके की नजाकत से तय होता है शायद इसीलिए 2013 में मोदी के नाम पर एनडीए छोड़ने वाले नीतीश कुमार घूम फिर कर भाजपा के साथ वापस आ गए हैं |
पिछले लोकसभा चुनाव के बाद से भाजपा को लगातार कई नए साथी मिले लेकिन ऐसा लगता है कि इन नए साथियों को साथ लेने के चक्कर में भाजपा ने अपने पुराने साथियों को नाराज कर दिया है | पिछले दिनों शिवसेना की स्थापना दिवस के मौके पर शिवसेना ने भाजपा से गठबंधन तोड़ने का फैसला किया तो भाजपा की कुछ और सहयोगी पार्टियों ने भी दबी जुबानी में अपनी नाराजगी जाहिर कर दी |
कौन-कौन छोड़ सकता है एनडीए ?
सबसे पहले बात करते हैं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर की |सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष जब से योगी सरकार में मंत्री बने हैं लगातार अपनी सरकार पर निशाना साधते रहे है सबसे पहले गाजीपुर के डी ० एम० के ट्रांसफर को लेकर वह अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए लेकिन योगी आदित्यनाथ से मिलने के बाद उन्होंने अपना धरना वापस ले लिया था |
पिछले दिनों राजभर ने अपनी पार्टी की एक रैली को संबोधित करते हुए योगी सरकार को मायावती और मुलायम सिंह की सरकार से भी ज्यादा भ्रष्ट बता दिया था |
योगी सरकार में भाजपा के एक और मंत्री अनिल राजभर बताते हैं कि ओमप्रकाश राजभर अगले चुनाव में भाजपा से 5 सीटें चाहते हैं और अपने बेटे को सांसद बनाने के लिए दबाव की राजनीति कर रहे हैं |
अब अकेले तो राजभर कभी विधायक का भी चुनाव नहीं जीत पाए लेकिन बुंदेलखंड की लगभग 10 से 15 विधानसभा सीटों पर भाजपा के लिए उनका साथ बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है |
बिहार में भी हो सकता है उलटफेर
बिहार में नीतीश कुमार के एनडीए में वापस आने के बाद से ही केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी नाराज बताए जा रहे हैं | सबको पता है उपेंद्र कुशवाहा और जीतन मांझी के नीतीश कुमार के रिश्ते अच्छे नहीं हैं |ऐसे में भाजपा के ये दो साथी किस ओर जाते हैं बिहार के दृष्टिकोण से आगामी चुनावों में यह बेहद अहम हो सकता है
दक्षिण भारत में भी एनडीए को लग सकता है झटका
शिवसेना के अलग होने की घोषणा के बाद ही आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने भी भाजपा को चेतावनी भरे लहजे में गठबंधन धर्म याद दिला दिया है नायडू ने कहा कि वह अपना मित्र धर्म निभा रहे हैं लेकिन अगर भाजपा अलग होना चाहती है तोह उन्हें कोई दिक्कत नहीं है |
इसका प्रमुख कारण स्थानीय भाजपा विधायकों द्वारा प्रदेश सरकार की आलोचना और भाजपा के वाई० एस० आर० कांग्रेस से गठबन्धन की चर्चाओं का जोर पकड़ना माना जा रहा है |
उत्तर प्रदेश और बिहार में अगर यह संभावित गठबंधन टूट भी जाते हैं तो भी शायद भाजपा को ज्यादा नुकसान नहीं होगा लेकिन शिवसेना के बाद अगर टीडीपी भी भाजपा से अलग होती है तो महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में भाजपा के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हो सकता है |
इसका प्रमुख कारण स्थानीय भाजपा विधायकों द्वारा प्रदेश सरकार की आलोचना और भाजपा के वाई० एस० आर० कांग्रेस से गठबन्धन की चर्चाओं का जोर पकड़ना माना जा रहा है |
उत्तर प्रदेश और बिहार में अगर यह संभावित गठबंधन टूट भी जाते हैं तो भी शायद भाजपा को ज्यादा नुकसान नहीं होगा लेकिन शिवसेना के बाद अगर टीडीपी भी भाजपा से अलग होती है तो महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में भाजपा के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हो सकता है |
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